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Showing posts from March, 2025
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  स्पर्म काउंट क्या होता है?   स्पर्म काउंट पुरुष के वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या को दर्शाता है। यह पुरुष की प्रजनन क्षमता का एक महत्वपूर्ण मापदंड है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सामान्य स्पर्म काउंट 15 मिलियन से 200 मिलियन प्रति मिलीलीटर होना चाहिए। यदि शुक्राणुओं की संख्या 15 मिलियन से कम है, तो इसे ओलिगोस्पर्मिया कहा जाता है। स्पर्म काउंट की जांच के लिए  सीमन एनालिसिस टेस्ट  किया जाता है, जो शुक्राणुओं की गुणवत्ता, गतिशीलता, और आकृति का विश्लेषण करता है। स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, और समय पर चिकित्सा से स्पर्म काउंट को बढ़ाया जा सकता है।
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आयुर्वेदिक उपचार और पंचकर्म   बस्ती चिकित्सा:  बस्ती चिकित्सा एक पंचकर्म प्रक्रिया है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है। इसका उपयोग गर्भाशय की सफाई और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। उत्सादन:  यह प्रक्रिया रक्त संचार को सुधारती है और गांठ के आकार को कम करने में मदद करती है। शिरोधारा:  तनाव कम करने और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए शिरोधारा उपयोगी होती है। अभ्यंग:  तिल के तेल या अन्य औषधीय तेलों से पूरे शरीर की मालिश की जाती है, जिससे शरीर में संतुलन बनता है।  
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  Guaranteed Surrogacy in Mumbai | Surrogacy cost in Mumbai Surrogacy in Mumbai offers a budget-friendly option for the intended parents, with costs typically between   INR18–20 lakh . The guaranteed surrogacy program in Mumbai covers intensive medical care, skilled professionals handling IVF procedures, and thorough care during the entire process with the highest success rate. Fertility clinics in Mumbai focus on affordable and low-cost surrogacy programs where the centers make sure that every aspect of the surrogacy journey is clear, ethical, and customized to meet your requirements and needs with high success rate. For more details contact: India:  +91 8448879134 Email:  info@vinsfertility.com info@vinsfertility.co
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  कंडोम का उपयोग कब करना चाहिए (When Should You Use a Condom?) कंडोम (Condom) एक ऐसा साधन है जिसका उपयोग गर्भधारण से बचाव और यौन संचारित रोगों (STD) से बचने के लिए किया जाता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए उपलब्ध होता है। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि कंडोम का उपयोग कब करना चाहिए। आज के इस ब्लॉग में हम आपको कंडोम के सही उपयोग का समय, इसके फायदे, और इसे इस्तेमाल करने के सही तरीके के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। 1.  संभोग (Sex) के समय गर्भधारण से बचने के लिए अगर आप और आपका पार्टनर अनचाही गर्भावस्था से बचना चाहते हैं, तो कंडोम का उपयोग करना सबसे सुरक्षित और आसान तरीका है।गर्भधारण से बचने के लिए कंडोम का उपयोग करने से आप दोनों सुरक्षित महसूस करेंगे।यह न केवल गर्भधारण को रोकने में मदद करता है, बल्कि यौन संचारित रोगों (STD) जैसे HIV, Gonorrhea, Syphilis आदि से भी बचाता है। सुरक्षित संभोग के लिए कंडोम का उपयोग जरूर करें। read more: https://www.vinsfertility.com/hindi/condom-ka-upyayog-kb-karna-chaahie/
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Guaranteed Surrogacy in Bangalore | Surrogacy Cost in Bangalore Bangalore has emerged as a technological hub for people all over the country. The city is well-equipped with advanced medical facilities and surrogacy services alongside affordable surrogacy packages of worldwide famous fertility clinics. The surrogacy cost in Bangalore is  INR 19 lakh to INR 20 lakh . Bangalore also provides a guaranteed surrogacy program that includes multiple IVF attempts, multiple embryo transfers, customized medical care, and access to legal help. The low-cost surrogacy centers in Bangalore are famous for their high success rates and advanced infrastructure. Bangalore is the technical hub of India and attracts thousands of Indian citizens as well as foreigners from all over the globe in search of advanced fertility treatments . For details contact  India:  +91 8448879134 Email:  info@vinsfertility.com
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  पीसीओडी क्या है read more: ://www.vinsfertility.com/hindi/pcod-ke-lakshan/ PCOD एक   हार्मोनल असंतुलन  है, जो महिलाओं के अंडाशय (ओवरी) को प्रभावित करता है, जिससे अंडाणु (Eggs) सही तरीके से विकसित नहीं हो पाते और सिस्ट (गांठें) बनने लगती हैं। इसका असर सिर्फ पीरियड्स पर ही नहीं, बल्कि आपकी  त्वचा, वजन, बालों और संपूर्ण स्वास्थ्य  पर भी पड़ता है। लेकिन चिंता की बात नहीं! सही जानकारी, संतुलित जीवनशैली और समय पर इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आप भी इस विषय को लेकर परेशान हैं या किसी अपने को इस समस्या से जूझते देख रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए है। जानिए  PCOD के लक्षण,कारण और इलाज , ताकि आप अपने शरीर को बेहतर तरीके से समझ सकें और हेल्दी लाइफ जी सकें!
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  बच्चेदानी में गांठ का आयुर्वेदिक इलाज? बच्चेदानी में गांठ की समस्या के लिए आयुर्वेद में कई प्रभावी उपाय हैं। अशोक की छाल, लोध्र, और गुग्गुल जैसे जड़ी-बूटियों का उपयोग लाभकारी होता है। नियमित त्रिफला चूर्ण का सेवन शरीर को विषमुक्त करता है। हल्दी दूध पीने से सूजन कम होती है। योगासन, जैसे भुजंगासन और प्राणायाम, रक्त प्रवाह सुधारते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श लेना भी जरूरी है। बच्चेदानी में गांठ का आयुर्वेदिक उपचार read more: https://www.vinsfertility.com/hindi/ayurvedic-treatment-for-uterine-lump/
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  स्पर्म बढ़ाने की मेडिसिन read more: https://www.vinsfertility.com/hindi/increases-sperm-count/ पुरुषों में अक्सर देखा जाता है कि शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता कम होने के कारण उन्हें इनफर्टिलिटी (बांझपन)  जैसी समस्या होती  है। स्पर्म काउंट कम होने के बहुत से कारन होते है ,जैसे की: खराब खानपान, धूम्रपान, शराब, ज्यादा तनाव और नींद की कमी इसका मुख्य कारण हैं। गर्म पानी से नहाना , टाइट  अंडरवियर  पहनने  से या  रोज़ाना लैपटॉप को गॉड में रख क्र काम करने से भी नुकसानदायक हो सकता है | शुक्राणुओं को स्वश्त और मजबूत बनाने के लिए फायदेमंद  दवाओं भी होते है| लकिन कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना ज़रूरी है।
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  5 मिनट में पीरियड कैसे लाएं read more: https://www.vinsfertility.com/hindi/5-minute-mein-period-kaise-laen/ पीरियड्स, या माहवारी, महिलाओं के जीवन का एक स्वाभाविक और महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह शारीरिक प्रक्रिया प्रजनन स्वास्थ्य का एक अहम हिस्सा है, जिसे हर महिला महीने में अनुभव करती है। हालांकि, इस प्राकृतिक प्रक्रिया को लेकर हमारे समाज में कई भ्रामक अवधारणाएं और मिथक बने हुए हैं। खासकर नई उम्र की लड़कियां इनमें भ्रमित होती हैं, जो कभी-कभी उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इंटरनेट और सोशल मीडिया पर पीरियड्स से जुड़े अजीब सवाल और सलाह बहुत ही तेजी से फैलते हैं, जिनका न तो कोई वैज्ञानिक आधार होता है और न ही वे सेहत के लिए सही होते हैं। vinsfertility   का उद्देश्य इन मिथकों को तोड़ना है और सही जानकारी को सभी तक पहुँचाना है, ताकि कोई महिला पीरियड शेमिंग या गलत जानकारी के कारण स्वास्थ्य संकट का सामना न करे। इस ब्लॉग में हम पीरियड्स से जुड़ी कुछ सामान्य भ्रामक अवधारणाओं पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि इन सवालों का सच क्या है, इसके लिए हमने हेल्थ और वेलनेस के क्षेत्र में वि...